आज जिंदगी की असलियत क्या है ? जीना किसको बोलते है ? आज इन्सान कौन है ? आज किसके लिए दिल से आदर निकल ता है ? कौन है जो एक "Role Model " है  ?
ये सब सवाल कही न कही किसी न किसी के जह्हन में उठता जरुर होगा ! और एस सवाल के बेतहा जवाब इस दुनिया से निकल के बाहर आते होंगे !
आज जिंदगी की असलियत कुछ हद्द तक दिखावे की है! कह सकते है के "Showcase" जैसी या फिर बोल सकते है "Red Carpet" जैसी ! अगर आप में वोह चीज़ नहीं जो किसी को इम्प्रेस कर सके तो आपका होना न होना, किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता ! आज बहुत से चीज़ों के मायने बदल गए है , पहेले शायद लोग उतने अडवांस नहीं थे सोच उतनी बड़ी नहीं थी जीतनी आज है !
आदमी को आज आप उसके रहन सहन से , उसके सामाजिक रुतबे से , उसके पहेनावे से या फिर उसकी जी- हुजूरी से पहचानते है ! अब चाहे इन्सान वो कैसा भी हो लेकिन वोह "एक असलियत है "! अब जिसके पास ये नहीं हैजो सीधा है वो आज कह सकते है के मामूली है अब चाहे टेलेंट हो या बोलो के इन्सान कितना भी अच्छा हो, पर वो "एक असलियत है जो पुरानी हो चुकी "! जिसके आज कोई मायने नहीं !
आज शायद आधो से ज्यादा लोगों के ऐसे ही लोग "Role Models " है, जीनमे लोग बहुत कुछ अपनों सा खोज ते रहेते है ! और इन्सान कैसा भी हो पर आदर दिल से और बढ़ के निकल ता है !
जीना आज के समय में उसको बोला जाता है जहाँ प्यार नहीं , फ़िक्र नहीं, कोई तकलीफ नहीं , कोई डर नहीं , कोई जिम्मेदारी नहीं , किसी सच्चाई पे झूठ और फरेब राज़ करे, यह शायद आज की जिंदगी जीने का मतलब है !
१००% परिवार में से आज जीने का मज़ा और उसका लुफ्फ्त या तोह गरीब उठा रहा है या फिर वोह 20% परिवार जो संपन्न है और आज के रहन सहन में भी कुछ मर्यादाओं में बंधे है !
पर आज की सच्चाई यहीं है ! इस से कुछ सहमत होंगे कुछ नहीं पर नज़र घुमा के देखे तो अपने ही इर्द - गिर्द कई ऐसे दीख जायेंगे !
ये सब सवाल कही न कही किसी न किसी के जह्हन में उठता जरुर होगा ! और एस सवाल के बेतहा जवाब इस दुनिया से निकल के बाहर आते होंगे !
आज जिंदगी की असलियत कुछ हद्द तक दिखावे की है! कह सकते है के "Showcase" जैसी या फिर बोल सकते है "Red Carpet" जैसी ! अगर आप में वोह चीज़ नहीं जो किसी को इम्प्रेस कर सके तो आपका होना न होना, किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता ! आज बहुत से चीज़ों के मायने बदल गए है , पहेले शायद लोग उतने अडवांस नहीं थे सोच उतनी बड़ी नहीं थी जीतनी आज है !
आदमी को आज आप उसके रहन सहन से , उसके सामाजिक रुतबे से , उसके पहेनावे से या फिर उसकी जी- हुजूरी से पहचानते है ! अब चाहे इन्सान वो कैसा भी हो लेकिन वोह "एक असलियत है "! अब जिसके पास ये नहीं हैजो सीधा है वो आज कह सकते है के मामूली है अब चाहे टेलेंट हो या बोलो के इन्सान कितना भी अच्छा हो, पर वो "एक असलियत है जो पुरानी हो चुकी "! जिसके आज कोई मायने नहीं !
आज शायद आधो से ज्यादा लोगों के ऐसे ही लोग "Role Models " है, जीनमे लोग बहुत कुछ अपनों सा खोज ते रहेते है ! और इन्सान कैसा भी हो पर आदर दिल से और बढ़ के निकल ता है !
जीना आज के समय में उसको बोला जाता है जहाँ प्यार नहीं , फ़िक्र नहीं, कोई तकलीफ नहीं , कोई डर नहीं , कोई जिम्मेदारी नहीं , किसी सच्चाई पे झूठ और फरेब राज़ करे, यह शायद आज की जिंदगी जीने का मतलब है !
१००% परिवार में से आज जीने का मज़ा और उसका लुफ्फ्त या तोह गरीब उठा रहा है या फिर वोह 20% परिवार जो संपन्न है और आज के रहन सहन में भी कुछ मर्यादाओं में बंधे है !
पर आज की सच्चाई यहीं है ! इस से कुछ सहमत होंगे कुछ नहीं पर नज़र घुमा के देखे तो अपने ही इर्द - गिर्द कई ऐसे दीख जायेंगे !
 
 
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