अपनी नज़रों से, नज़रों में हमारी,  हमे गिराया  ,
हर बार दर्द देता रहा वो मासूम सा साया !
गिरते संभलते बस खुद्द को यही समझाया ,
गलत है तू , सही है वो मासूम सा साया !
कुछ चंद पलों के लिए ज़िन्दगी में आया ,
कई खिताबों से नवाज़ के गया , वो मासूम सा साया !
आईने से भी मेरे ज़मीर ने आज मुह छिपा लिया,
फरेबी समझ जब छोड़ गया , वो मासूम सा साया !
उस मासूमियत को खुदा रखे हमेशा बरक़रार ,
क़त्ल हुआ है आज मेरा, कल कोई और होगा तेयार !
वो मासूम सा साया.....वो मासूम सा साया.....
सच्चे साथ को शायद कभी तडपे, वो मासूम सा साया.....
हर बार दर्द देता रहा वो मासूम सा साया !
गिरते संभलते बस खुद्द को यही समझाया ,
गलत है तू , सही है वो मासूम सा साया !
कुछ चंद पलों के लिए ज़िन्दगी में आया ,
कई खिताबों से नवाज़ के गया , वो मासूम सा साया !
आईने से भी मेरे ज़मीर ने आज मुह छिपा लिया,
फरेबी समझ जब छोड़ गया , वो मासूम सा साया !
उस मासूमियत को खुदा रखे हमेशा बरक़रार ,
क़त्ल हुआ है आज मेरा, कल कोई और होगा तेयार !
वो मासूम सा साया.....वो मासूम सा साया.....
सच्चे साथ को शायद कभी तडपे, वो मासूम सा साया.....

 
 
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