ये लाइन जब याद आती है तो एक दोस्त की याद आती है ...... "आर जे - अदिति ".
उस वक़्त पुणे की रात का वो शो "पुरानी जींस " और उसका सबको यह सलाम शायद बहुत हद्द तक ज़िन्दगी के नजीद्क करने वाला होता था !
आज जब नज़र उठा के देखे तो लगता है के वास्तव में कही न कही हम सब लोगों ने हमारी ज़िन्दगी कही न कही उलझा ही रखी है ! रोज़ मर्रा की तबाद तोड़ में रहेने वाले मेहनत करने वाले अपनी जरूरतों को पूरा करने में उलझे है, कॉलेज - स्कूल में पढने वाले या तो गीने चुने पढाई में नहीं तो कुछ आवारा गर्दी या फिर प्यार मोहब्बत में उलझे है !
और थोडा नज़र घुमा के देखे तोह कुछ ऐसे भी मिल जायेंगे जो इस जिंदगी के खतरनाक उतार चढ़ाव में भी दूसरी उलझनों में खुद को फ़साने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते ! उदाहरणों से भरी यह ज़िन्दगी सबको कुछ न कुछ सबक ज़रूर देती रहेती है , अपना हर रंग दिखाती रहेती है , कभी धोखा पल पल में , कभी प्यार की ऐसी बौछार करती है के इन्सान उसे समझ नहीं पा ता !
जरूरतें इन्सान को शायद कमज़ोर बनाती है, जिस से मजबूर होके वोह हमेशा अपनी ही ज़िन्दगी मे उलझ ता रहेता है !
सादी और प्यारी सी ज़िन्दगी को अगर मासूमियत से संभल के जिया जाये तो शायद अदिति की बात एक उम्मीद तक जिंदगी जीने के तरीकें को सही साबित करे !
उस वक़्त पुणे की रात का वो शो "पुरानी जींस " और उसका सबको यह सलाम शायद बहुत हद्द तक ज़िन्दगी के नजीद्क करने वाला होता था !
आज जब नज़र उठा के देखे तो लगता है के वास्तव में कही न कही हम सब लोगों ने हमारी ज़िन्दगी कही न कही उलझा ही रखी है ! रोज़ मर्रा की तबाद तोड़ में रहेने वाले मेहनत करने वाले अपनी जरूरतों को पूरा करने में उलझे है, कॉलेज - स्कूल में पढने वाले या तो गीने चुने पढाई में नहीं तो कुछ आवारा गर्दी या फिर प्यार मोहब्बत में उलझे है !
और थोडा नज़र घुमा के देखे तोह कुछ ऐसे भी मिल जायेंगे जो इस जिंदगी के खतरनाक उतार चढ़ाव में भी दूसरी उलझनों में खुद को फ़साने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते ! उदाहरणों से भरी यह ज़िन्दगी सबको कुछ न कुछ सबक ज़रूर देती रहेती है , अपना हर रंग दिखाती रहेती है , कभी धोखा पल पल में , कभी प्यार की ऐसी बौछार करती है के इन्सान उसे समझ नहीं पा ता !
जरूरतें इन्सान को शायद कमज़ोर बनाती है, जिस से मजबूर होके वोह हमेशा अपनी ही ज़िन्दगी मे उलझ ता रहेता है !
सादी और प्यारी सी ज़िन्दगी को अगर मासूमियत से संभल के जिया जाये तो शायद अदिति की बात एक उम्मीद तक जिंदगी जीने के तरीकें को सही साबित करे !
 
 
No comments:
Post a Comment