Tuesday, 8 July 2014

Kisi Ko Rukhsat Hote Dekh,Mann Ne Kuch Aisa Likha.....

जवानी में कभी अंजाम सोचा नहीं ,
और आगाज़ का मंन बना डाला  !

मेरी  आखों में उसे डर कभी दिखा नहीं ,
और उसने खुद अपना रास्ता बदल डाला !

कभी  कभी सोचता हूँ दर्द किसमे ज्यादा होता है ,
निफराम होके दफ़न  में या जिन्दगी का बोझा ढोने  मे !

जिन्दगी एक तरफ एक तरफ़ा मज़ा देती है ,
और कभी कभी खून सूखा दे,
ऐसा इम्तहाँ भी  लेती है !

मौत एक बार आती है ,
लेकिन जीवन मे कई बार मात्र छू के ,
अपना साया दिखा जाती है !

सुख तो जीने में है ,
ये बात समझ आती है !

लेकिन सुकून तो  रुखसत होने में है ,
इसलिए मृत्यु जिन्दगी पर हमेशा भारी होती है ! (D Guru...)


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