Sunday, 31 January 2016



जिन्दगी कभी थमेगी नहीं ,
वज़ूद को बनाये रखने के लिए ,
यह जद्दो - जहद कभी रुकेगी  नहीं !

आज हमारा सफ़र यहाँ रुका है ,
बिछड़ेंगे फिर कुछ साथी हमसे,
लेकीन, रास्ता देख रही है हमारा , कुछ राहे नई !

उम्मीद है वापस साथ चलेंगे - दौड़ेंगे,
मिलेंगे फिर, आखिर मंज़िलों को जो पाना है,
हमे मालूम है थके तो साथी तुम भी नहीं !

दिल से दुआ करते है,
तुम्हारे नई दिशा और हर जीत  की,
दुनिया छोटी है मित्रा
मुलाक़ात होती रहेंगी कहीं ना कहीं, कभी ना कभी !... (D Guru...)